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PM SHRI योजना: भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम
प्रश्न: पीएम श्री योजना क्या है?
उत्तर: पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य देश भर में 14,500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड और विकसित करके उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है।
प्रश्न: पीएम श्री योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: पीएम श्री योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- शिक्षा को बढ़ावा देना: सभी बच्चों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति से unabhängig उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सभी को पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना।
- मॉडल स्कूलों का निर्माण: मॉडल स्कूलों का निर्माण करना जो अन्य स्कूलों को सलाह-मशविरा और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
- 21वीं सदी के लिए कौशल को बढ़ावा देना: 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक कौशलों से लैस व्यापक विकास वाले व्यक्तियों का पोषण करना।
- सतत प्रथाओं को बढ़ावा देना: अपशिष्ट पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और जैविक जीवनशैली अपनाने जैसे तत्वों को बढ़ावा देना।
प्रश्न: पीएम श्री योजना के लाभ क्या हैं?
उत्तर: पीएम श्री योजना के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: यह योजना स्कूलों में बुनियादी ढांचे और शिक्षण विधियों में सुधार करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगी।
- शैक्षिक असमानताओं को कम करना: यह योजना सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान करके शैक्षिक असमानताओं को कम करने में मदद करेगी।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि: 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक कौशल प्रदान करके, यह योजना छात्रों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगी।
- सतत विकास को बढ़ावा देना: सतत प्रथाओं को बढ़ावा देकर, यह योजना पर्यावरण की रक्षा करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद करेगी।
प्रश्न: पीएम श्री योजना का कार्यान्वयन कैसे किया जाएगा?
उत्तर: पीएम श्री योजना को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा। योजना के तहत, स्कूलों को चयनित किया जाएगा और उन्हें बुनियादी ढांचे, शिक्षण सामग्री और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए धन प्रदान किया जाएगा।
प्रश्न: पीएम श्री योजना का भविष्य क्या है?
उत्तर: पीएम श्री योजना भारत की शिक्षा प्रणाली को बदलने की क्षमता रखती है। यदि योजना को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाता है, तो यह शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, शैक्षिक असमानताओं को कम कर सकता है और देश के भविष्य को उज्जवल बना सकता है।
प्रश्न: किन स्कूलों के लिए पीएम श्री योजना लागू है?
उत्तर: यह योजना मुख्य रूप से केंद्र सरकार, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित मौजूदा स्कूलों के बुनियादी ढांचे और गुणवत्ता में सुधार लाने पर केंद्रित है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित स्कूलों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों द्वारा संचालित स्कूलों पर लागू होती है, जिनमें केंद्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), राज्य सरकार के स्कूल और नगर निगमों द्वारा संचालित स्कूल शामिल हैं।
प्रश्न: स्कूलों का चयन कैसे किया जाता है?
उत्तर: इस योजना के तहत स्कूलों के चयन की प्रक्रिया में तीन चरण शामिल थे:
- सबसे पहले, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को पूरी तरह से लागू करने और समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए सहमत होना पड़ा।
- इसके बाद, यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) डेटा का उपयोग करके न्यूनतम बेंचमार्क के आधार पर चयन के लिए पात्र स्कूलों की पहचान की गई।
- अंत में, चयनित स्कूलों को पीएम श्री का दर्जा प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी।
प्रश्न: इस योजना के लाभार्थी कौन हैं?
उत्तर: इस योजना से सीधे तौर पर 20 लाख से अधिक छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है। कृपया ध्यान दें कि यह योजना सीधे व्यक्तियों पर लागू नहीं होती है, बल्कि स्कूलों पर लागू होती है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अप्रत्यक्ष रूप से बेहतर बुनियादी ढांचे और शिक्षा की गुणवत्ता से लाभ होगा।
प्रश्न: पीएम श्री योजना किन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है?
उत्तर: यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है:
- शिक्षा: यह योजना देश भर के लगभग 14,500 स्कूलों को अपग्रेड और विकसित करने का लक्ष्य रखती है, जिससे न्यायसंगत, समावेशी और आनंदमय स्कूली वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जा सके।
- बुनियादी ढांचा: योजना के तहत चयनित स्कूलों को स्मार्ट कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और खेल सुविधाओं जैसे उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस किया जाएगा।
- सततता: इन स्कूलों के पाठ्यक्रम में अपशिष्ट पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और जैविक जीवनशैली अपनाने जैसे तत्व शामिल होंगे।
- कौशल विकास: यह योजना 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक कौशलों से लैस व्यापक विकास वाले व्यक्तियों का पोषण करने का लक्ष्य रखती है।
- समुदाय विकास: चयनित स्कूल मॉडल स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे और अपने आसपास के अन्य स्कूलों को सलाह देंगे, जिससे सामुदायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
प्रश्न: क्या यह योजना इन चुनौतियों का समाधान करने में प्रभावी होगी?
उत्तर: हालांकि योजना इन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, इसकी प्रभावशीलता योजना के कार्यान्वयन और सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी पर निर्भर करेगी।
प्रश्न: अन्य सरकारी योजनाओं की तुलना में पीएम श्री योजना की खासियतें क्या हैं?
उत्तर: 7 सितंबर, 2022 को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना में कई अनूठी विशेषताएं हैं जो इसे समान उद्देश्यों वाली अन्य सरकारी योजनाओं से अलग करती हैं:
- एनईपी 2020 पर फोकस: पीएम श्री योजना को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है। नवीनतम शिक्षा नीति पर यह फोकस इसे उन अन्य योजनाओं से अलग करता है जो पुरानी नीतियों के ढांचे के तहत बनाई गई थीं।
- मौजूदा स्कूलों का उन्नयन: कुछ ऐसी योजनाओं के विपरीत जो नए स्कूल बनाने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, पीएम श्री योजना का लक्ष्य देश भर के लगभग 14,500 मौजूदा स्कूलों को अपग्रेड और विकसित करना है। इन स्कूलों का चयन केंद्र सरकार/राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश/स्थानीय निकायों द्वारा संचालित स्कूलों में से किया जाता है।
- मॉडल स्कूलों का निर्माण: पीएम श्री योजना के तहत चुने गए स्कूलों को मॉडल स्कूलों में बदल दिया जाएगा। ये स्कूल अपने आसपास के अन्य स्कूलों को सलाह देंगे, जिससे सामुदायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- पाठ्यक्रम में स्थिरता का समावेश: इन स्कूलों के पाठ्यक्रम में अपशिष्ट पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और जैविक जीवनशैली अपनाने जैसे तत्व शामिल होंगे। स्थिरता पर यह फोकस पीएम श्री योजना का एक अनूठा पहलू है।
- चयन प्रक्रिया: पीएम श्री योजना के चयन प्रक्रिया में एक प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया शामिल है जहां स्कूलों को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से योजना के लिए आवेदन करना पड़ता है। यह उन अन्य योजनाओं की तुलना में एक विशिष्ट विशेषता है जहां स्कूलों का चयन बिना किसी प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के कुछ मानदंडों के आधार पर किया जा सकता है।
प्रश्न: क्या योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ये खासियतें महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर: हाँ, ये खासियतें योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये विभिन्न हितधारकों को योजना में भाग लेने के लिए प्रेरित करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि चुने गए स्कूल उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक मानकों को पूरा करें।
प्रश्न: चयनित स्कूलों में क्या होगा खास?
उत्तर: इन स्कूलों को स्मार्ट कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और खेल सुविधाओं जैसे उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस किया जाएगा। इसके अलावा, ये स्कूल मॉडल स्कूल बन जाएंगे, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों को प्रदर्शित करेंगे।
प्रश्न: क्या अन्य स्कूलों को इससे कोई लाभ होगा?
उत्तर: हाँ, चयनित स्कूल अन्य स्कूलों को सलाह देंगे और उनका मार्गदर्शन करेंगे।
प्रश्न: शिक्षा कैसी होगी?
उत्तर: योजना का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, सीखने और संज्ञानात्मक विकास प्रदान करना है। इसके अलावा, पाठ्यक्रम व्यापक, प्रायोगिक, खोज-आधारित और वास्तविक जीवन स्थितियों पर केंद्रित होगा।
प्रश्न: क्या अन्य खास बातें हैं?
उत्तर: हाँ, स्कूलों में अपशिष्ट पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और जैविक जीवनशैली को बढ़ावा दिया जाएगा। चयन प्रक्रिया भी पारदर्शी है और स्कूल एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न: क्या पीएम श्री योजना का गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: पीएम श्री योजना का गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण विकास पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। हालांकि, यह योजना गरीबी और ग्रामीण विकास की चुनौतियों का पूर्ण समाधान नहीं है। यहाँ पर देखें कैसे योजना इन क्षेत्रों में मदद कर सकती है:
- शिक्षा और कौशल विकास: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करके और 21वीं सदी के लिए प्रासंगिक कौशल विकसित करके, यह योजना छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे गरीबी कम करने में योगदान होगा।
- बुनियादी ढांचा विकास: योजना का लक्ष्य मौजूदा स्कूलों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास को गति मिल सकती है।
- समुदाय विकास: चयनित स्कूल मॉडल स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे और अपने आसपास के अन्य स्कूलों को सलाह देंगे, जिससे सामुदायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थिरता: पाठ्यक्रम में स्थिरता को शामिल करने से ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे उनके विकास में योगदान मिलता है।
प्रश्न: पीएम श्री योजना का वित्तपोषण कैसे किया जाता है और इसका बजट आवंटन कितना है?
उत्तर: पीएम श्री योजना एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है। इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकारें दोनों योगदान करती हैं।
केंद्रीय सरकार:
- केंद्र सरकार ने इस योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए ₹27,360 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
- इसमें से ₹18,128 करोड़ रुपये का केंद्रीय अंश अगले 5 वर्षों (2022-2027) के लिए आवंटित किया जाएगा।
- वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में शिक्षा मंत्रालय को ₹112899.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो अब तक का सबसे अधिक आवंटन है।
- इस आवंटन में से ₹6,050 करोड़ रुपये पीएम श्री योजना के लिए आरक्षित हैं।
राज्य सरकारें:
- शेष राशि का योगदान राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। वित्तपोषण का सही अनुपात योजना दिशानिर्देशों के अनुसार भिन्न हो सकता है।
धन का उपयोग:
- आवंटित धन का उपयोग स्कूलों को सीधे लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से बुनियादी ढांचे और अन्य संबद्ध सुविधाओं के विकास के लिए किया जाएगा।
- स्कूलों को निधियों का उपयोग करने की पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखनी होगी।
ध्यान दें: यह जानकारी प्रारंभिक चरण में है और भविष्य में परिवर्तन हो सकता है।
प्रश्न: पीएम श्री योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
उत्तर: योजना के प्रभावी कार्यान्वयन और उचित धन उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं:
- विकेंद्रीकृत प्रशासन: योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विकेंद्रीकृत प्रशासन रणनीति अपनाई जाएगी।
- पारदर्शिता और जवाबदेही प्रणाली: स्कूल स्तर पर प्रदर्शन के प्रभावी वितरण के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही की एक प्रणाली बनाई जाएगी।
- मार्गदर्शक रूपरेखा: स्कूल प्राधिकारियों को उनके स्कूलों को पीएम श्री स्कूलों द्वारा आश्वासित गुणवत्ता मानकों में बदलने और बढ़ाने में सहायता करने के लिए एक मार्गदर्शक रूपरेखा विकसित की गई है। यह रूपरेखा बाध्यकारी नहीं है बल्कि सुझावपूर्ण प्रकृति की है, जो स्थानीय संदर्भों में लचीलेपन और अनुकूलन की अनुमति देती है।
- स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन ढांचा (SQAF): स्कूलों की गुणवत्ता का आकलन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे पीएम श्री योजना द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं, SQAF का उपयोग किया जाएगा।
- सीधा लाभ हस्तांतरण (DBT): पीएम श्री योजना के लिए आवंटित धन को बुनियादी ढांचे और अन्य संबद्ध सुविधाओं के विकास के लिए संबंधित स्कूलों को सीधे लाभ हस्तांतरण (DBT) मार्ग के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा।
प्रश्न: पीएम श्री योजना के कार्यान्वयन में स्थानीय सरकारों और समुदायों की क्या भूमिका है?
उत्तर: स्थानीय सरकारें और समुदाय पीएम श्री योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी भूमिका को मुख्य रूप से इन बिंदुओं में समझा जा सकता है:
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